कई बार एनकाउंटर इसलिए भी हो जाते हैं ताकि प्रमोशन मिल जाए. उन्नाव में बलात्कार की पीड़िता कोर्ट जा रही थी. रास्ते में उसे जला दिया गया. पुलिस ऐसी पीड़िताओं को सुरक्षा नहीं देगी बल्कि कई बार बलात्कार के आरोपियों के पक्ष में ही खड़ी नज़र आती है, उस पुलिस को कैसे काम करना चाहिए इसके लिए सिस्टम होना चाहिए या एनकाउंटर की छूट ये आप ठीक से सोच लें. अगर ये रूटीन बन गया तो कौन मारा जाएगा यह भी सोच लीजिए. गरीब मारे जाएंगे. कुलदीप सिंह सेंगर जैसे लोग पैसे देकर छूटते जाएंगे. इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता शीबा असलम फहमी ने कहा, 'इस देश में भीड़ और अल्पसंख्यकों का आतंक इतना ना बढ़ जाए कि वो जो चाहें वो करें. इसलिए न्यायपालिका को चुनाव से दूर रखा गया. न्यायपालिका को जनता नहीं चुनती इसलिए न्यायपालिका जनता के दवाब में नहीं है. उसे संविधान और कानून की किताब का पालन करना है.यही हमारे देश का संतुलन और खूबसूरती है.'