शहबाज सरकार के मंत्री चाहे जो कहें...लेकिन ये बात तो सच है कि पाकिस्तान के एस्टैबलिशमेंट का ध्यान..वहां की आर्मी का ध्यान.. हमेशा आतंकी संगठन और उनके आकाओं को सुविधा देने पर रहा है...ऑपरेशन सिंदूर के बाद जो आतंकी आखिरी सांस ले रहे थे...उनको खडा़ करने में सबसे बड़ा योगदान शहबाज सरकार का ही है...हैरानी की बात है कि एक तरफ तो भारत है जिसने ऑपरेशन सिदूर के बाद स्वदेशी हथियार बनाए...अर्थव्यवस्था पर ध्यान दिया...लेकिन पाकिस्तान ने अपने आतंकी दोस्तों पर मेहरबानी की...नतीजा अब जैश-ए-मोहम्मद अपनी लेडी ब्रिगेड तैयार कर रहा है...ये वहीं जैश-ए-मोहम्मद है...जिसका हेडक्वार्टर भारत के ब्रह्मोस ने मिट्टी में मिला दिया था...लेकिन मियां शहबाज की मेहरबानी से एक बार फिर जैश भारत के खिलाफ साजिश रच रहा है..