उच्चतम न्यायालय की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने महाराष्ट्र राजनीतिक संकट पर सर्वसम्मति से फैसला सुनाया. न्यायालय ने शिंदे गुट के भरत गोगावाले को शिवसेना पार्टी का सचेतक नियुक्त करने के विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को गैरकानूनी बताया. कोर्ट ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने यह जानने की कोशिश नहीं की कि सुनील प्रभु या भरत गोगावाले में से राजनीतिक दल का अधिकृत सचेतक कौन है. कोर्ट ने आगे क्या कहा और उसके मायने क्या हैं समझिए.