Shibu Soren Passes Away: वो जन नेता जिसने Tribals को मान-सम्मान और अलग Jharkhand राज्य दिलाया

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  • प्रकाशित: अगस्त 05, 2025

Shibu Soren Death news: इतनी शिद्दत से मैंने तुम्हें पाने की कोशिश की है कि हर जर्रे ने मुझे तुमसे मिलाने की साजिश की है. शिबू सोरेन (Shibu Soren)पर ये बात एकदम सटीक बैठती है. उन्होंने आदिवासियों के कल्याण और अलग झारखंड (Jharkhand)राज्य के लिए जैसे अपने आपको झोंक दिया. शिबू सोरेन उन गिने चुने नेताओं में से थे जिन्होंने अपने जीवन में उस सपने को साकार होते देखा, जिसकी लड़ाई उन्होंने शुरू की थी, झारखंड के आदिवासियों के लिए उन्होंने जो काम किया उसने उन्हें दिशोम गुरु बना दिया. दिशोम गुरु यानी देश का गुरु. कुछ नेता ऐसे होते हैं जो समुदाय और पार्टी की सीमाओं के पार चले जाते हैं. पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने उनके निधन पर यूं ही नहीं लिखा-"श्री शिबू सोरेन जी एक जमीनी नेता थे, जिन्होंने जनता के प्रति अटूट समर्पण के साथ सार्वजनिक जीवन में अपनी जगह बनाई". शिबू सोरेन के निधन पर उनके बेटे और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने लिखा - "आज मैं शून्य हो गया हूं"..लेकिन सच ये है जिन्हें झारखंड से प्यार है और जो लोग झारखंड की परवाह करते हैं वो सब शून्य हैं, क्योंकि ऐसे नेता कम ही होंगे जिन्हें किसी राज्य की जनता अभिभावक के तौर पर सम्मान देती हो. झारखंड के नेमरा गांव का एक साधारण सा इंसान कैसे बना भारत का सबसे सम्मानित आदिवासी जननेता आइए एक नज़र डालते हैं.

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