लोकसभा (Lok Sabha) में 2021-22 के बजट पर चर्चा (Budget discussion) की शुरुआत करते हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने बजट को देश के लोगों को निराश करने वाले वाला करार दिया और दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने इसके माध्यम से देश में ‘ना जवान, ना किसान’ का नारा दिया है. उन्होंने दावा किया, ‘‘शास्त्री जी ने ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया था. लेकिन प्रधानमंत्री ने इस बजट के माध्यम से इस नारे में ‘ना जवान, ना किसान’ का योगदान दिया.’’ थरूर ने आरोप लगाया कि अर्थव्यवस्था (Economy) में पहले से गिरावट थी और कोरोना संकट (Corona crisis) के बाद यह ध्वस्त हो गई. लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) के भाषण में अर्थव्यवस्था (Economy) को पटरी पर लाने को लेकर कुछ दिशा नहीं दिखी, सिर्फ बयानबाजी हुई. उन्होंने कहा कि चुनौतियों से निपटने का कोई खाका बजट में पेश नहीं किया गया. पिछले सात साल में इस सरकार ने आम आदमी को निराश किया है. शशि थरूर ने कहा कि बजट एमएसपी (MSP) पर किसानों को आश्वस्त करने के लिए बहुत कम है. एमएसपी (MSP) के लिए बजट में एक चौथाई हिस्सा काट दिया गया है. इससे भी बदतर मछुआरों की दुर्दशा है. इस बजट ने उन्हें किसी भी राहत से वंचित रखा है. कोई राजकोषीय सहायता, कोई डीजल सब्सिडी लोगों को नहीं दी गई. केंद्र ने तमिलनाडु और केरल के हजारों चाय श्रमिकों की भी अनदेखी की है.