जब कभी पुलिस एनकाउंटर की कहानी बनाए, हमेशा उस पर शक करना चाहिए और सवाल करना चाहिए. एनकाउंटर के मुकदमों के इतिहास यही कहते हैं. परिवारों ने 20-20 साल कोर्ट में मुकदमा लड़ा है. लड़कों की जान भी गई और उन पर अपराधी होने का झूठा दाग भी लगा. अभी हाल में छत्तीसगढ़ से रिटायर्ड जस्टिस अग्रवाल की रिपोर्ट आई कि 2012 में बस्तर में सीआरपीएफ और पुलिस ने 17 लोगों को फर्जी तरीके से नक्सल बताकर मार दिया था. इसमें छह बच्चे भी थे. इस मामले में जानी-मानी वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा, 'पुलिस अपना काम सही से नहीं करती है, इंवेस्टीगेशन नहीं करती है.' इसके अलावा वृंदा ने कई अहम सवाल उठाए.