सुप्रीम कोर्ट धारा 377 पर अपने ही फ़ैसले पर फिर से विचार करने को तैयार है. दरअसल पांच समलैंगिकों ने याचिका दायर करके कहा है कि इस क़ानून के चलते वो अपनी प्राकृतिक यौन पसंद को लेकर पुलिस के डर में रहते हैं. इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 को अपराध की श्रेणी से हटाने की मांग करने वाली इस याचिका को बड़ी बेंच के हवाले कर दिया है.