बहुत दिनों के असमंजस के बाद…एक विश्वव्यापी चर्चा के बाद, जिसमें बहुत सारे लोगों का मानना था कि तालिबान से बात कर ली जाए. भारत के प्रतिनिधियों ने भी तालिबान से बात की. लेकिन इस बातचीत के बीच में संदेह भी प्रकट किया गया, कि क्या तालिबान कभी वैधता भी प्राप्त कर सकता है?