जम्मू कश्मीर में पहली बार किसी राजनीतिक व्यक्ति को राज्यपाल बना कर केंद्र सरकार ने राज्य की जनता से सीधा रिश्ता बनाने का ठोस और महत्वपूर्ण संकेत दिया है. सतपाल मलिक वैसे तो बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके हैं. लेकिन वे 2004 के चुनाव के समय बीजेपी में शामिल हुए. उनकी पृष्ठभूमि आरएसएस या बीजेपी की नहीं है. वैचारिक तौर पर वे समाजवादी नेता माने जाते हैं जो चौधरी चरण सिंह, वीपी सिंह और चंद्रशेखर के करीबी रहे. उनका वैचारिक दृष्टि से संघ के करीबी न होना भी जम्मू-कश्मीर में उन्हें राज्यपाल के तौर पर भेजे जाने की एक वजह रहा है ताकि कश्मीर घाटी के लोग उन पर भरोसा कर सकें और इसमें राज्यपाल के जरिए राज्य में सीधे शासन करने की काल्पनिक साजिश न देखें.