भारत ने दुनिया से बैर मोल लेकर तय किया कि भले ही रूस ने यूक्रेन पर हमला कर रखा हो, हम उसका सस्ता तेल लेंगे. इसके पीछे तर्क ये था कि हमारे देश के लिए उपभोक्ताओं को सस्ता मिल रहा है. इसलिए हमारी प्राथमिकता वही होगी. अब तृणमूल कांग्रेस के सांसद जवाहर सरकार ने विदेश मंत्री को लिखी एक चिट्ठी में आशंका जताई है कि गुजरात की दो रिफाइनरी कंपनियां सस्ते रूसी तेल से बंपर मुनाफा कमा रही हैं.