पश्चिम बंगाल के करीब 20 फीसदी लोग गरीबी रेखा से नीचे जीते हैं. राज्य की ज्यादातर आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है. यहां की पांच में से एक महिला ही सेकेंडरी स्कूल तक पढ़ पाती है. इस राज्य के ग्रामीण इलाकों में स्वरोजगार के मामले में महिलाएं पुरुषों से 22 फीसदी आगे हैं. यहां की सैकड़ों महिलाओं ने 2012 में ऊषा ट्रेनिंग स्कूल के तहत ट्रेनिंग लेनी शुरू की. और आज सात साल बाद उनकी सफलता की कई कहानियां हैं.