ये ख़बर आने पर कि पर्सनल लॉ बोर्ड देश के हर ज़िले में शरिया कोर्ट खोलना चाहता है, काफ़ी विवाद हो गया है. हांलाकि बोर्ड ने अपनी मीटिंग का एजेंडा जारी करके बताया कि ये ख़बर झूठी है. बोर्ड के एजेंडे में ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है. दूसरा बोर्ड कोई शरई अदालत नहीं चलाता, दारुल क़जा चलाता है जिसमें घरेलू मामलों में सुलह सफ़ाई से मसला हल किया जाता है, दारुल क़जा को अदालत की तरह कोई ज्यूडिशल पावर नहीं है.