रवीश कुमार का प्राइम टाइम : क्या गरीब की ही कटेगी जेब, उद्योगपति बस रियायत लेंगे?

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  • प्रकाशित: अक्टूबर 25, 2021
जब भी आपको बेरोज़गारी से परेशान कोई युवा मिले, ऐसा कोई मिले जिनकी सैलरी कम हो गई हो या जिनका बिज़नेस नहीं चल रहा हो और सभी पेट्रोल और डीज़ल के बढ़ते दामों से परेशान हों, तो आप उसकी बेचैनी सिर्फ एक लाइन से दूर कर सकते हैं. उसके कान में धीरे से कहिए, कोई दूसरा विकल्प भी तो नहीं है. उसका चेहरा खिल जाएगा. इसे सुनते ही जो पब्लिक 100 रुपया लीटर पेट्रोल भराने से परेशान थी, 114 रुपया लीटर पेट्रोल भराने लग जाएगी और कहेगी, जाने दीजिए, कोई दूसरा विकल्प भी तो नहीं है.

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