दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली के नागरिकों का इलाज हो इस फैसले को दिल्ली के उपराज्यपाल ने पलट दिया है. दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल ने यह फैसला लिया था कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली के लोगों का ही इलाज किया जाएगा. उपराज्यपाल ने डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत इस फैसले को पलट दिया है . उन्होंने अपने फैसले में SC की एक टिप्पणी का भी जिक्र किया है. जिसमे कहा गया है कि जीवन का अधिकार में स्वास्थ्य का भी अधिकार शामिल है. आप नागरिकता के आधार पर किसी को रोक नहीं सकते हैं. उपराज्यपाल के फैसले से पहले ही दिल्ली के मुख्यमंत्री ने पत्रकारों को बताया था कि मुख्यमंत्री की तबीयत ठीक नहीं है. इससे अलग अगर हम बात करें कि दिल्ली के अस्पातलों की तो केंद्र और दिल्ली सरकार की तरफ से हजारों करोड़ खर्च करने के बाद भी दिल्ली के अस्पतालों में आम लोगों के लिए बेड नहीं उपलब्ध है. अगर दिल्ली की हालत यह है तो देश के अन्य जगहों पर क्या व्यवस्था होगी?