डेटा तो किसी का भी नहीं है! मजदूर का न मीडिया का न पुलिस का किसी का भी डेटा सरकार के पास नहीं है. कोविड से लड़ाई का वो डेटा है जिससे सब कुछ गुलाबी-गुलाबी दिखाना रहता है. BJD के सांसद ने एक सवाल किया कि तालाबंदी के दौरान अपने घर जा रहे कितने मजदूरों की मौत हुई? अपने लिखित जवाब में केंद्रीय श्रम मंत्रालय (union labour ministry) ने बताया कि तालाबंदी के बाद से लगभग 1 करोड़ चार लाख मजदूरों को पलायन करना पड़ा. लेकिन श्रम मंत्रालय यह बताता है कि इतने मजदूरों ने पलायन किया लेकिन यह नहीं बताता है कि कितने मजदूरों की मौत हुई.