सरकार की तरफ से प्रस्ताव तो आ गया मगर किसानों ने उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया. प्रस्ताव ही नहीं ठुकराया बल्कि आंदोलन के अगले चरण का एलान भी कर दिया. किसानों ने कहा है कि 14 दिसंबर को सभी ज़िला मुख्यालयों का घेराव करेंगे. रिलायंस के माल, उनके उत्पाद के बहिष्कार का भी एलान किया है. 9 दिसंबर की दोपहर सरकार ने 20 पन्नों का प्रस्ताव भेजा. प्रस्ताव तो एक दो पंक्ति में लिखा था मगर भूमिका से पन्ने भरे हुए थे. सरकार ने अपने लिखित प्रस्ताव में कहा कि वे समर्थन मूल्य पर लिखित आश्वासन देने के लिए तैयार हैं. किसानों की मांग यह भी थी कि समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून बनाया जाए. लेकिन किसान आंदोलन सिर्फ MSP को लेकर नहीं हो रहा है. सरकार ने तीनों कानूनों को वापस लेने के बजाए एक नए बनने वाले कानून को वापस लेने की बात ज़रूर कह दी.
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