आज भी सीवर की सफाई हाथ से होती है. सफाई कर्मचारी को ज़रूरी कपड़े और उपकरण भी नहीं दिए जाते हैं. लिहाजा दम घुटने से उनके मरने की खबरें आती ही रहती हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण ऐसी स्थिति में दस लाख का मुआवज़ा देना होता है लेकिन उसे हासिल करने के लिए भी अदालत ही जाना होता है.