करोनावायरस ने शिक्षा जगत की भी आर्थिक तौर पर चूलें हिलाकर रख दी हैं. चार महीने से लगातार प्राइवेट और सरकार स्कूल बंद रहने से शिक्षकों के आगे तनख्वाह से लेकर नौकरी तक के संकट पैदा हो गए हैं. अभिभावकों की नौकरियां जाने और तनख्वाह कम होने का असर ये है कि शिक्षक अब पढ़ाना छोड़कर कहीं सब्जी तो कहीं पंचर जोड़ने पर मजबूर हैं.