रवीश कुमार का प्राइम टाइम : क्या प्रधानमंत्री मोदी तालिबान को आतंकवादी कहेंगे?

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  • प्रकाशित: अगस्त 17, 2021
अफगानिस्तान की घटना को दुनियाभर में जिस तरह से समझा जा रहा है. भारत में इसे देखने और समझने की प्रक्रिया भी अब अपने आप में किसी घटना से कम नहीं है. आप अफगानिस्तान और तालिबान के बारे में कुछ भी बात कीजिए, इसे उसी फ्रेमवर्क से देखा और समझा जा रहा है, जिसे घरेलू राजनीति ने तैयार किया है. हिंदू-मुस्लिम और नेशनल सिलेबस के फ्रेम से, जिसमें काबुल से आ रही हर सूचनाओं को कूच दिया जा रहा है. फिट कर के फैलाया जा रहा है.

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