हरियाणा के सिरसा से विधायक गोपाल कांडा की बात क्या सिर्फ इसलिए हो रही है क्योंकि कांडा ने बीजेपी को सपोर्ट देने की बात कही है. क्या हम इस सवाल का जवाब ठोस रूप से जानते हैं कि अगर कांग्रेस को जरूरत होती तो गोपाल कांडा का सपोर्ट लेने से इंकार कर देती? बीजेपी ने कहा है कि वो गोपाल कांडा से समर्थन नहीं लेगी. कितने घंटे लग गए इस एक बयान के आने में. लेकिन क्या गोपाल कांडा का किस्सा इसी के साथ नेपथ्य में चला जाएगा? सवाल यह भी होना चाहिए कि अगर आप गोपाल कांडा के बारे में बात कर रहे हैं तो सिर्फ गोपाल कांडा के बारे में ही क्यों बात कर रहे हैं. उन लोगों की बात क्यों नहीं कर रहे हैं जिनकी मदद से कोई गोपाल कांडा बनता है. जिनकी मदद से आज भी गोपाल कांडा बनने की प्रक्रिया जारी है. नौकरशाही, राजनीति और ठेकाशाही के खेल से जो भी नियमों को तोड़ने का जोखिम उठाता है, वह गोपाल कांडा जैसा बन जाता है. जब तक आप इस प्रक्रिया को नहीं समझेंगे, आप न राजनीति को समझ पाएंगे और न ही गोपाल कांडा को.