अगर आप कुछ खास तरह की खबरों को निकाल कर उन्हें एक क्रम में रख कर देखेंगे, तो वह लकीर दिख जाएगी जिससे आपके नागरिक होने के अधिकार का दायरा, छोटा किया जा रहा है. इसे शिकंजा कसना कहते हैं. गर्दन तक हाथ पहुंच गया है, दबाया भी जा रहा है, रहमत इतनी है कि मारा नहीं जा रहा है.