इंसाफ की हार और जीत की शोक, और उल्लास के बीच कानून और सत्ता का ऐसा खेल खेलने वाले खिलाड़ी अक्सर ऐसे मौकों पर अदृश्य क्यों हो जाते हैं. कर भी दिए जाते हैं. दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट ने नताशा नरवाल, आसिफ इकबाल, देवांगना कालिता को तुरंत रिहा करने के आदेश दे दिए. इस खबर की चौहद्दी से वे खिलाड़ी बाहर और अदृश्य क्यों हैं, जिन्होंने दंगों के आरोप में इन छात्र-छात्राओं को लंबे समय तक जेल में बंद रखने का खेल खेला. अदालत की टिप्पणियां बता रही हैं कि इनके खिलाफ यूएपीए की धाराएं भारत में आतंकी साजिश को खत्म करने के लिए नहीं लगाई गई थी. बल्कि इनके सवालों से, इनके नारों से आतंकित सरकार सबक सिखाना चाहती थी. अब भी इस तरह की कार्रवाई देश में किसी और के साथ जारी है.