राजस्थान के कोटा के एक सरकारी अस्पताल जे के लोन अस्पताल में दिसंबर के एक महीने में बच्चों की मौत का आंकड़ा जब 100 पार कर गया तो ये खबर देश के सामने आई. फिर विपक्ष की तरफ से एक दल यहां गया, केंद्र की भी टीम गई और अब तो मानवाधिकार कमिशन ने भी राजस्थान सरकार को नोटिस भेजा है कि राज्य सरकार द्वारा संचालित अस्पताल में 100 बच्चों की मौत कैसे हो गई.तब तक यहां के मंत्रियों को अस्पताल की सुध लेने की फुरसत नहीं थी. बड़ा सवाल है पब्लिक हेल्थ सिस्टम का, जो प्राइवेट अस्पताल में जाने की हैसियत नहीं रखते वो सरकारी अस्पतालों के रहम-ओ-करम पर हैंऔर इन अस्पतालों की हालत ऐसी है कि इससे बेहतर है कि अस्पताल ही न जाएं.