एग्ज़िट पोल पर अब ऐसी कोई बात नहीं है जो कही जा सकती है. टीवी में मुश्किल यही है कि जब सारी बात कह जा चुकी हो तो फिर से उसे कैसे कहें. दरअसल यही टीवी है. एग्जिट पोल के बाद सारे चैनलों को 22 तारीख की आधी रात तक वैसे ही ग़ायब हो जाना चाहिए जैसे एग्ज़िट पोल शुरू होते ही नमो टीवी अपने आप ग़ायब हो गया है. बिना आज्ञा के आने वाला और बग़ैर किसी आदेश के चले जाना ऐसा आज्ञाकारी चैनल हमने नहीं देखा. नमो ही आ रहे हैं तो नमो टीवी का अब क्या काम. नमो टीवी का काम हो गया है. ट्विटर पर एग्ज़िट पोल को लेकर खूब मौज मस्ती चल रही है. सरकारी और विरोधी पक्ष ट्विटर पर मंडे को भी संडे मना रहे हैं. ख़ूब हंसी मज़ाक चल रहा है. यह अच्छा है. एग्ज़िट पोल से पहले चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जाकर मतदान का प्रतिशत भी देखिए. वहां भी कई छोटी छोटी कहानियां हैं. 2014 के चुनाव में मध्य प्रदेश की सभी दस रिज़र्व सीटों पर जितना मतदान हुआ था उससे कहीं ज्यादा 2019 में मतदान हुआ है. बानी बेदी की रिसर्च बताती है कि मध्य प्रदेश की अनुसूचित जनजाति और जाति के लिए रिज़र्व दस सीटों पर मत प्रतिशत औसतन दस प्रतिशत से अधिक रहा है. यानी 2014 की तुलना में इस बार 10 प्रतिशत अधिक वोट पड़े हैं. बानी ने ये डेटा मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट से लिया है. आप भी चेक कर सकते हैं.