‘कानून की बात’ में आज का मुद्दा ये है कि, क्या सरकार के खिलाफ अपनी बात रखना या फिर अपनी असहमति जताना किसी भी मंच पर देशद्रोह है...देश विरोधी काम है? जी बिल्कुल नहीं, देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर से साफ कर दिया है कि सरकार के खिलाफ उसकी किसी बात पर विरोधी राय रखना या फिर असहमति जताना कतई देशद्रोह नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी एक जनहित याचिका पर की है. सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी करते हुए जनहित याचिका को खारिज कर दिया और याचिकाकर्ता पर 50 हजार का जुर्माना भी लगाया है.