पीएम केयर के तहत सप्लाई किये गये वेंटिलेटर्स की खराब गुणवत्ता को लेकर एक साल से विस्तार से खबरें छप रही हैं. कभी मामूली खराबी तो कभी रख रखाव में कमी का बहाना बनाकर इसकी सच्चाई बाहर आ ही जाती है. आखिर हजारों करोड़ रुपये से खरीदे गये इन वेंटिलेटर्स की दूसरी लहर में क्या भूमिका रही. जब वेंटिलटर नहीं चला तब और जब चल रहा था तब. इसका मूल्यांकन क्या 10 साल बाद होगा. 15 मई को सरकार एक बयान जारी करती है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्च स्तरीय बैठक में कुछ राज्यों में वेंटिलेटर के स्टोरेज में पड़े होने की कुछ रिपोर्टों को गंभीरता से लिया और निर्देश दिया कि केंद्र सरकार द्वारा दिये गये वेंटिलेटर के उपयोग और संचालन का तत्काल ऑडिट किया जाना चाहिए.