वातावरण में तनाव बढ़ गया है, तापमान तो बढ़ ही गया है, कब किसके घर के सामने बुलडोज़र आ जाए, इसका चांस भी बढ़ गया है. क्रूरता के इस दौर में हास्य भी क्रूर हो गया है. पुलिस से मार खाने वाले लोग उसी ज़िले में मिल जाते हैं, जिनके बारे में पुलिस कहती है कि यह वीडियो उनकी जानकारी में नहीं है जिसमें कुछ नौजवान लाठियों से मार खा रहे हैं.