इस देश में कितने तरीके से स्त्रियों पर हमले होते हैं, उसकी अगर संहिता बनाएंगे तो एक लाख पन्ने लग जाएंगे. सारी हिंसा दो ही बिन्दु पर आकर समाप्त हो जाती है कि कार्रवाई हुई या नहीं. उसके बाद हिंसा किसी और रुप में कहीं और जारी रहती है. आज आप लखीमपुर खीरी के बारे में चर्चा कर रहे हैं, कल पता नहीं ऐसी भयानक घटना फिर से कहां दोहरा दी जाए.