15 अगस्त के दिन गुजरात में बलात्कार और हत्या के मामले में सज़ा काट रहे कैदी विशेष माफी के साथ रिहा कर दिए गए. ठीक उसके पहले प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से अपील करते हैं कि किसी न किसी कारण से हमारे अंदर एक ऐसी विकृति आई है, हमारी बोलचाल में हमारे व्यवहार में, हमारे कुछ शब्दों में हम नारी का अपमान करते हैं. क्या हम इससे मुक्ति का संकल्प ले सकते हैं?