किसान आंदोलन (Farmers Protest) में आए किसान लगता है कि इस इरादे से भी आए हैं कि दिल्ली के आस-पास खेती के निशान छोड़ जाएंगे. बहादुरगढ़ हाईवे के पास किसानों ने सफाई के साथ जुताई भी शुरू कर दी है. उजाड़ सी इन जगहों को खेत में बदल दिया है. किसानों का कहना है कि वे यहां धनिया बैंगन के साथ दूसरी सब्ज़ियां भी उगाएंगे।.अगर मोदी सरकार ने कानून वापस ले लिए तो इन सब्ज़ियों को सरकार के लोग खा लेंगे और अगर आंदोलन लंबा चला तो इन सब्ज़ियों को आंदोलनकारी (Farmers) खाएंगे. यही डटे रहेंगे यही बोयेंगे और यहीं का खाएंगे. वहीं सरकार ने कृषि सुधारों (Agri Reform) को लेकर 106 पेज की एक ई-बुक जारी की है. इसमें गुजरात मॉडल (Gujarat Model) का भी जिक्र है. इसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी के कृषि सुधारों का भी उल्लेख है. हालांकि मौजूदा गुजरात सरकार ने फसल बीमा योजना से अलग होने का फैसला कर लिया है. उसने कहा है कि कर्ज के बोझ को वह नहीं सह सकती. ई-नैम और ग्रामीण हाट का भी इसमें उल्लेख है.