विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं. सियासत और धर्म दोनों आपस में और घुल-मिल रहे हैं.धर्म का खुला इस्तेमाल तो वैसे सियासत में चलता ही रहता है. लेकिन इन दिनों ज्यादा तेज है. एक धर्म को दूसरे धर्म के खिलाफ खड़ा करने की साजिश शुरू हो जाती है, ताकि वोटों का ध्रुवीकरण किया जा सके.