क्या संघ यह मानता है कि जाट और पाटीदार संपन्न हैं और आरक्षण के हकदार नहीं है। तो प्रचारक रहे हरियाणा के मुख्यमंत्री ने साफ-साफ मना क्यों नहीं किया। उनकी सरकार तो जाट आरक्षण पर विचार करने का वादा कर चुकी है। जबकि गुजरात में बीजेपी सरकार पाटीदार आरक्षण से इंकार कर चुकी है।