टीवी देखने वाले और अखबार पढ़ने वाले कुछ भारतीयों को यह भी खबर कुछ खुशी देती है कि दुनिया के किसी देश में भारतीय मूल का कोई पार्षद बन गया ,मेयर बन गया, सांसद बन गया. इन खबरों में इतना हर्ष क्यों होता है? क्या जौनपुर के किसी व्यक्ति को लगता होगा कि कैलिफोर्निया की सांसद बनकर कमला हैरिस उनके क्षेत्र का भी कल्याण कर देंगी. या फिर वो भी दक्षिण अफ्रीका जाकर सांसद बन जाएगा. अगर यहां नहीं बन पा रहा है तो. उसे यह भी लगता होगा कि भारतीय मूल के इन लोगों को वहां चुनाव नहीं लड़ना चाहिए. कहीं अगर वहां के लोग यहां आकर चुनाव लड़ने लगे तो कैसे विरोध करेंगे. ये सब संकट है.