हम जिस दौर में जी रहे हैं उसमें पितृसत्ता को लगातार मिलने वाली चुनौतियां तेज़ होती जा रही हैं. कब कौन सी बहस किस रफ्तार से उठेगी इस पर अब किसी का बस भी नहीं चल सकता. तीन तलाक को समाप्त किये जाने की बहस बेहद रोचक दौर में है. इसका स्वागत होना चाहिए और इस बहाने राजनीतिक पूर्वाग्रहों को स्थापित करने के प्रयासों से सतर्क भी रहना चाहिए.