मीडिया से ही जुड़ा एक और सवाल है और वह है पुलिस का मीडिया पर हमला। कोई पहली बार नहीं हुआ, आखिरी बार के लिए भी नहीं हुआ। इस बार पत्रकारों पर हमला हुआ तो राजनीतिक कारणों से कई लोग सोशल मीडिया पर जायज़ भी ठहराने लगे। ऐसे लोग तय नहीं कर पाते कि लोकतंत्र में ज़रूरी क्या है। उनकी अपनी भड़ास या किसी माध्यम की स्वतंत्रता।