राजनीति आज इतनी महंगी होती जा रही है कि आप ग़रीब की बात तो कर सकते हैं, मगर अब ग़रीब चुनाव नहीं जीत सकता। अगर ऐसा होता तो राज्य सभा के निर्दलीय उम्मीदवारों में से कुछ ग़रीब भी मैदान में आ जाते और हमारे विधायक लोग अपना बचा हुआ मत उनकी बातों से प्रभावित होकर दे देते।