श्रीनगर NIT की घटना और इसे लेकर राजनीति में फासला इतना बढ़ गया है कि वहां के छात्र छात्राओं को अब हाथ में तख़्ती लेकर खड़े होना पड़ा कि हमारे मुद्दों का सांप्रदायिकरण मत कीजिए। कैंपस के भीतर मीडिया के जाने की इजाज़त नहीं है फिर भी व्हाट्सऐप और ट्वीटर के ज़रिये लगातार अफवाह फैलाई जा रही है कि मीडिया जानबूझ कर नहीं जा रहा है।