हर नातेदारों की तरह दामाद भी दो प्रकार के होते हैं। एक गुड दामाद और एक बैड दामाद। जम्मू में प्रधानमंत्री ने एक गुड दामाद की तारीफ करते हुए किसी बैड दामाद की तरफ इशारा किया है, तो सवाल उठने लगे कि अगर बैड दामाद की बात है तो भ्रष्टाचार और परिवारवाद पर उनके मानक क्या हैं। उन्होंने क्या अलग किया है। राजनीति का एक सदाबहार विषय है परिवारवाद, इस पर बातें ही होती हैं, होता कुछ नहीं।