पब्लिक स्कूलों के नाम पर भयंकर तरीके से वसूली हो रही है. किताब या यूनिफॉर्म खरीदने पर स्कूल रसीद नहीं देते. ऑनलाइन की जगह कैश सामान खरीदने पर ही मजबूर किया जाता है. केजी के बच्चे से 6500 रुपये परीक्षा फीस ली जा रही है. इस मामले में सरकार को तय करना चाहिए कि स्कूलों में कैश का भुगतान कैसे हो रहा है.