दिल्ली विश्वविद्यालय में एडमिशन के लिए इंतजार कर रहे करीब पौने तीन लाख छात्रों को पता ही नहीं है कि अगले 24 घंटे में वे किस कोर्स में एडमिशन लेने वाले हैं। जो इस वक्त पढ़ रहे हैं उनकी भी यही हालत है। रातों रात कोर्स बदल लेने का करिश्मा हज़ारों साल से दुनिया में ज्ञान का दीपक जलाने वाला भारत नहीं करेगा तो कौन करेगा?