सोमवार सुबह जब सेंसेक्स खुलते ही 500 अंक के आस पास गिरा तो लोगों को लगा कि इतना तो कई बार गिर चुका है लेकिन जल्दी ही बाज़ार 800 के आंकड़े को पार करते हुए 1000 अंक तक जा गिरा। तब भी लगा कि बाज़ार जल्दी संभलेगा क्योंकि पिछले एक साल में 500, 800 अंक गिर कर बाज़ार कब संभल जाता था किसी को पता भी नहीं चलता। लेकिन दोपहर पार करते करते सेंसेक्स तो लगा कि नशे में झूम रहा है।