दलित मज़दूर की बेटी अनिता ने इस साल तमिलनाडु के बारहवीं बोर्ड में शानदार प्रदर्शन किया था. उसे 98 फीसदी अंक हासिल हुए थे. बारहवीं के अंकों के आधार पर इंजीनियरिंग के लिए उसका स्कोर 200 में से 199.75 था जबकि मेडिकल के लिए स्कोर 196.75 था. अगर पिछले ही इस साल की तरह NEET से छूट मिल जाती तो उसे इंजीनियरिंग या मेडिकल में कहीं भी दाखिला मिल जाता. लेकिन इस बार सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर NEET का स्कोर अनिवार्य कर दिया गया. यहां 720 में से उसके सिर्फ़ 86 अंक आए. नतीजा उसका दाखिला नहीं हुआ और वह इतनी निराश हो गई कि फांसी पर लटक गई.