राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने पैतृक गांव गए . इस दौरान उन्होंने लोगों से बात करते हुए कहा कि राष्ट्रपति की सैलरी पांच लाख रुपए होती है. लेकिन एक टीचर भी इससे ज्यादा बचत कर लेता है. क्योंकि राष्ट्रपति की सैलरी से 2.75 लाख रुपए तो टैक्स में चले जाते हैं.