कहीं कोई अपराध होता है तो क़ानून के रखवाले उसके अपराधी को पकड़ कर क़ानून के हवाले करते हैं. लेकिन ख़ुद क़ानून के रखवाले क्या अपना काम ईमानदारी से करते हैं और कभी कभी बेक़ुसूर को क़ुसूरवार दिखा कर उसका जो हाल करते हैं वो किसी बड़े अपराध से कम नहीं होता. रायन स्कूल के छात्र प्रद्युमन की हत्या के लिए बस कंडक्टर अशोक कुमार के साथ जो कुछ हुआ वो हम सबको कुछ न कुछ सोचने पर मजबूर करता है.