हरियाणा के एक अधिकारी प्रदीप कासनी का 34 साल की नौकरी में 71 बार तबादला हुआ था. 2017 में एक बार तो एक दिन में तीन-तीन तबादले किए गए थे. पहले साइंस एंड टेक्नालजी का महानिदेशक बनाया गया. फिर उसके बाद वित्त विभाग का सचिव बनाया गया और दो घंटे के बाद ही उन्हे पिछड़ा और अनुसूचित जाति आयोग का महानिदेशक बनाया गया. एक दिन में तीन-तीन तबादले. यानी एक अफसर को काम ही नहीं करने दिया गया. उसे अपमानित किया गया. 2018 में रिटायरमेंट से पहले उन्हें कई महीने वेतन नहीं मिला. अदालत के पास जाना पड़ा और आदेश के बाद वेतन मिला. 1984 में कासनी हरियाणा सिविल सर्विस में आए थे और 1997 में आईएएस बनाए गए. रिटायरमेंट के समय ऐसे पद पर थे जिसका अता-पता भी नहीं था. किसी अफसर का 71 बार तबादला हुआ लेकिन आईएएस संघ कभी आवाज नहीं उठा सका.