WHO और एम्स (AIIMS) की स्टडी में पता चला है कि भारत में कोरोना वायरस की तीसरी संभावित लहर में वयस्कों की तुलना में बच्चों पर कोरोना का ज्यादा प्रभाव नही पड़ेगा. स्टडी देश के पांच राज्यों में हुई जिसमें 10 हजार सैम्पल लिए गए थे. एम्स के एक अध्ययन के मुताबिक बच्चों में सेरो-पॉजिटिविटी रेट वयस्कों से ज्यादा थी. वायरस के मौजूदा वैरिएंट से तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने की संभावना कम है.