देश की राजधानी दिल्ली में सलिंग बहुत पुराना मसला है. सीलिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट अब यह तय करेगा कि सीलिंग और अवैध निर्माण के लिए 2006 में लाया गया स्पेशल प्रोविजन एक्ट वैध है या नहीं. साथ ही उसमें 2006 से 2017 तक लाए गए संशोधन वैध है या नहीं. लेकिन इस मामले में पार्टियां एक दूसरे पर आरोप लगाती रहती हैं. तो क्या आरोप प्रत्यारोप से सीलिंग जैसे मसले का हल निकलेगा. मुकाबला में इसी मुद्दे पर चर्चा.