नौकरियों में भर्ती भी सरकारों के लिए एक सियासी पैंतरा हो सकती हैं. मध्यप्रदेश में भी ऐसा ही लग रहा है. जब विधानसभा चुनाव क़रीब आते हैं तो सरकार जमकर भर्ती परीक्षाएं निकालने का एेलान करती है लेकिन जैसे ही चुनाव गुज़र जाते हैं भर्ती परीक्षाएं भी कम हो जाती हैं. यानी चुनावों से पहले सरकार पढ़े लिखे बेरोज़गारों को नौकरी का सपना दिखाकर लुभाने की कोशिश करती है. मध्यप्रदेश में व्यापम के चुनावी कनेक्शन पर हमारे सहयोगी अनुराग द्वारी की रिपोर्ट.