मेजर ध्यानचंद से हॉकी के गुर सीखने वाले टेकचंद यादव की हालत दयनीय हो गई है. 82 साल के टेकचंद सागर जिले में टूटी-फूटी झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं. वह भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके हैं. साल 1961 में जिस भारतीय हॉकी टीम ने हॉलैंड को हॉकी मैच में धूल चटाई थी, टेकचंद उस टीम के अहम खिलाड़ी थे. लेकिन अब वो आर्थिक तंगहाली में अपनी जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं.