बिहार के मधुबनी ज़िले के हरलाखी विधानसभा से एक पत्र आया. पत्र भेजने वाले ने अपने क्षेत्र की 25 सड़कों का नाम सहित ब्यौरा दिया था कि ये कई दिनों से टूटी पड़ी हैं. इसके लिए लोगों ने सांसद से लेकर विधायक तक से संपर्क किया मगर 25 की 25 सड़कों का निर्माण नही हुआ. जैसे रैमा गांव से मनहरपुर जाने वाली औ गंगौर जाने वाली सड़क जर्जर हो गई है. व्हाट्स एप से आए इस मैसेज में अपनी समस्या को बताने की तैयारी देख कर एक बात समझ आई. जब पत्रकारों ने बुनियादी सवाल छोड़ दिए तो लोग पत्रकार बनने लगे हैं. पर कुछ पत्रकार हैं जो अभी भी बुनियादी काम कर रहे हैं. हमारे सहयोगी उमा शंकर सिंह मधुबनी गए तो करहरा पंचायत के लोगों ने उन्हें बताया कि बस एक पुल की चाह है. और कुछ नहीं. आज़ादी के समय से वे पुल मांग रहे हैं. कितनी सरकारें आ कर चली गईं, मगर पुल नहीं बना. अब तो राज्य में डबल इंजन की सरकार है मगर पुल नहीं बन सकता है. दुखी यादव और मोहम्मद हाशिम दोनों ने उमा शंकर सिंह से इतना ही कहा कि पुल बनवा दीजिए.